एक ज्योतिपुंज का सहारा: सावित्रीबाई और ज्योतिबा फुले की अमर कहानी
यह कहानी सिर्फ एक स्त्री के साहस और एक पुरुष के समर्पण की नहीं है, यह उन अनगिनत महिलाओं के अधिकारों की बात है जिनकी आवाज कभी सुनी नहीं गई। सावित्रीबाई फुले की यह कहानी शुरू होती है उस दिन, जब एक नन्ही दुल्हन के रूप में वह अपने पति ज्योतिबा फुले के घर आईं।…