Budget: भारत का केंद्रीय बजट 2025-26 उच्च शिक्षा के क्षेत्र में एक दूरदर्शी योजना प्रस्तुत करता है, जिसमें कौशल विकास, नवाचार और समावेश पर विशेष जोर दिया गया है। 46,482.35 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 50,077.95 करोड़ रुपये तक किए गए 7.74% के बजटीय आवंटन में वृद्धि उच्च शिक्षा में परिवर्तनकारी पहलों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। यह न केवल शैक्षणिक अवसंरचना को मजबूत करेगा बल्कि नवाचार, अनुसंधान और समग्र रूप से शिक्षा की गुणवत्ता को भी बढ़ावा देगा।
बजट की प्रमुख विशेषताएँ:
भारतीय भाषा पुस्तक योजना
इस योजना के तहत भारतीय भाषाओं में डिजिटल शिक्षा संसाधनों को बढ़ावा दिया जाएगा, जिससे छात्रों को उनकी मातृभाषा में अध्ययन करने का अधिक अवसर मिलेगा। इससे समावेशिता बढ़ेगी और ग्रामीण तथा वंचित समुदायों के छात्रों को बेहतर शैक्षिक संसाधनों तक पहुंच प्राप्त होगी।
भारतीय ज्ञान प्रणाली (Indian Knowledge System)
भारत की प्राचीन और पारंपरिक ज्ञान प्रणालियों को पुनर्जीवित करने के उद्देश्य से सरकार ने शोधकर्ताओं और संस्थानों को सशक्त बनाने के लिए पर्याप्त धन आवंटित किया है। यह पहल योग, आयुर्वेद, वेद, दर्शन, गणित, खगोल विज्ञान और अन्य भारतीय बौद्धिक परंपराओं को वैश्विक स्तर पर पुनर्स्थापित करने में सहायक होगी।
केंद्रीय विश्वविद्यालयों को बढ़ा हुआ बजट आवंटन
केंद्रीय विश्वविद्यालयों के लिए 16,146.11 करोड़ रुपये का बजट आवंटन किया गया है। इससे विश्वविद्यालयों को बुनियादी ढांचे को मजबूत करने, अनुसंधान को बढ़ावा देने और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने में सहायता मिलेगी। यह देश के उच्च शिक्षा संस्थानों की वैश्विक प्रतिस्पर्धा क्षमता को भी बढ़ाएगा।

विद्यार्थी वित्तीय सहायता में वृद्धि
इस बजट में विद्यार्थियों के लिए वित्तीय सहायता में 68% की उल्लेखनीय वृद्धि की गई है। यह उन छात्रों के लिए बहुत मददगार होगा जो आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग से आते हैं और उच्च शिक्षा प्राप्त करने में कठिनाइयों का सामना करते हैं। इससे अधिक छात्रों को छात्रवृत्ति और शिक्षा ऋण की सुविधा मिलेगी, जिससे उच्च शिक्षा की पहुंच व्यापक होगी।
राष्ट्रीय उत्कृष्टता केंद्र (National Centers of Excellence)
नई औद्योगिक आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए सरकार ने राष्ट्रीय उत्कृष्टता केंद्रों की स्थापना की घोषणा की है। ये केंद्र उद्योग-प्रासंगिक कौशल और नवाचार को बढ़ावा देंगे, जिससे रोजगार और उद्यमिता के नए अवसर सृजित होंगे।
शिक्षा में एआई (Artificial Intelligence) के लिए उत्कृष्टता केंद्र
500 करोड़ रुपये के बजट के साथ स्थापित किए जाने वाले ये उत्कृष्टता केंद्र आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के शैक्षिक उपयोग को प्रोत्साहित करेंगे। इसका उद्देश्य शिक्षा क्षेत्र में एआई की परिवर्तनकारी क्षमता को साकार करना और छात्रों को उन्नत प्रौद्योगिकी के साथ जोड़ना है। इससे शिक्षकों को भी एआई-समर्थित शिक्षण तकनीकों का लाभ मिलेगा।
आईआईटी और अटल टिंकरिंग लैब्स का विस्तार
सरकार ने आईआईटी (भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान) और अटल टिंकरिंग लैब्स (ATL) के विस्तार पर विशेष ध्यान दिया है। इसका उद्देश्य वैज्ञानिक मानसिकता और नवाचार को बढ़ावा देना है। इन पहलों से उद्यमिता, अनुसंधान और उत्कृष्टता की संस्कृति को बढ़ावा मिलेगा, जिससे युवा शोधकर्ताओं और नवाचारकर्ताओं को आवश्यक संसाधन और प्लेटफॉर्म मिलेंगे।
बजट का व्यापक प्रभाव
इस बजट की विभिन्न पहलों से स्पष्ट है कि भारत सरकार उच्च शिक्षा को अधिक समावेशी, नवीन और सुलभ बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। यह न केवल विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा के लिए प्रेरित करेगा बल्कि उन्हें वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिए भी तैयार करेगा।
इस बजट का सबसे महत्वपूर्ण पहलू यह है कि यह न केवल शिक्षा को गुणवत्तापूर्ण बनाने की दिशा में काम करता है, बल्कि नवाचार, उद्यमिता और शोध संस्कृति को भी सशक्त करता है। यह बजट ‘विकसित भारत’ की भावना को मजबूती प्रदान करता है और देश के युवाओं को एक उज्ज्वल भविष्य की दिशा में आगे बढ़ने के लिए सशक्त बनाता है।
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-शांडिल्य मनीष तिवारी
(लेखक महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय, वर्धा में नाट्यकला विभाग के शोधार्थी हैं।)