MGAHV: हिंदी विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों ने शहीद पत्रकार मुकेश चंद्राकर की याद में आयोजित की श्रद्धांजलि सभा।

MGAHV: हिंदी विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों ने शहीद पत्रकार मुकेश चंद्राकर की याद में आयोजित की श्रद्धांजलि सभा।

MGAHV: महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय, वर्धा के जनसंचार विभाग के शोधार्थियों एवं विद्यार्थियों ने दिनांक 06 जनवरी को छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में ठेकेदार द्वारा शहीद पत्रकार मुकेश चंद्राकर की निर्मम हत्या के विरोध में शोकसभा एवं श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया। गौरतलब है कि पत्रकार मुकेश चंद्राकर ने बीजापुर जिले में सड़क निर्माण…

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MGAHV: हिंदी विश्वविद्यालय में कमला नेहरू माध्यमिक विद्यालय के बच्चों का हुआ शैक्षणिक भ्रमण.

MGAHV: हिंदी विश्वविद्यालय में कमला नेहरू माध्यमिक विद्यालय के बच्चों का हुआ शैक्षणिक भ्रमण.

MGAHV: हिंदी विश्वविद्यालय में कमला नेहरू माध्यमिक विद्यालय के बच्चों का हुआ शैक्षणिक भ्रमण.

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MGAHV: हिंदी विश्वविद्यालय में डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर महापरिनिर्वाण दिवस पर विशेष व्याख्यान का आयोजन।

MGAHV: हिंदी विश्वविद्यालय में डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर महापरिनिर्वाण दिवस पर विशेष व्याख्यान का आयोजन।

MGAHV: हिंदी विश्वविद्यालय में डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर महापरिनिर्वाण दिवस पर विशेष व्याख्यान का आयोजन।

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MGAHV: हिंदी विश्वविद्यालय, वर्धा में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद द्वारा 'नवारंभ' का आयोजन

MGAHV: हिंदी विश्वविद्यालय, वर्धा में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद द्वारा ‘नवारंभ’ का आयोजन

MGAHV: महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय, वर्धा में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद द्वारा 30 नवंबर को ‘नवारंभ’ कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस आयोजन में मुख्य अतिथि के रूप में विधार्थी परिषद की विदर्भ प्रांत मंत्री पायल किनाके ताई ने अपनी उपस्थिति दर्ज की और उनके साथ नूपुर देशमुख और मनोज सावड़े भी मौजूद रहे।…

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WARDHA

Wardha: वर्धा की बात

Wardha: वर्धा, मध्य भारत क्षेत्र में कभी संयुक्त महाराष्ट्र का केंद्र रहा था। यह नागपुर के सबसे समीप है। वर्धा आजादी के आंदोलन और स्वतंत्रता की अलख जगाने के लिए भी जाना जाता है। इसलिए ये इतिहास में अलग ही स्थान रखता है।यह महाराष्ट्र के विदर्भ क्षेत्र का विशिष्ट स्थान है। भौगोलिक रूप से काली…

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Gandhi: गांधी की पहली कर्मभूमि से गांधी की आखिरी कर्मभूमि तक का सफर।

Wardha: वर्धा तुम एक एहसास नहीं हम युवाओं की चलती सांस हो : अभिषेक कुमार पाठक

शाम- ए वर्धा तेरे दिवाने भी बेशुमार हैं,तू तपती धरती तो है ,परंतु सफल संजीवनी का हर एक मुकाम है।वो दिसम्बर का माह, जब रखा यहां कदमसुहाना मौसम हरियाली चारों ओरकोई नहीं अपना पर देख रखा था सपनाकि कैसे तुम्हें पाऊं और सफल कहलाऊंताकि तुम नही ये सब कहे मै हू ना तेरा अपना। ”कहते…

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