दिल्ली में एक बार फिर से प्रदूषण का प्रकोप, वायु गुणवत्ता ‘गंभीर’ श्रेणी में दर्ज।

दिल्ली में वायु प्रदूषण की स्थिति लगातार गंभीर बनी हुई है, और यह पांचवे दिन भी “गंभीर” श्रेणी में बना हुआ है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, रविवार सुबह 7 बजे दिल्ली के 14 प्रमुख इलाकों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 400 से ऊपर दर्ज किया गया है, जो कि अत्यधिक खतरनाक श्रेणी में आता है। यह प्रदूषण स्तर खासतौर पर उन लोगों के लिए गंभीर है जिनकी सेहत पहले से कमजोर है, जैसे कि बच्चे, बुजुर्ग और सांस संबंधी बीमारियों से जूझ रहे लोग।

विशेषज्ञों का मानना है कि इस गंभीर प्रदूषण का मुख्य कारण दिल्ली और उसके आस-पास के राज्यों में हो रही पराली जलाने की प्रक्रिया है। रिपोर्ट्स के अनुसार, दिल्ली के प्रदूषण में करीब 37% योगदान खेतों में जलायी जा रही पराली का है। हर साल की तरह इस साल भी उत्तर भारत के किसानों ने रबी फसल की तैयारी के लिए पराली जलाने का सहारा लिया, जिससे इस समय प्रदूषण का स्तर कई गुना बढ़ गया है। इसके अलावा, दिल्ली में वाहनों से निकलने वाले धुएं और कार्बन उत्सर्जन का भी प्रदूषण में महत्वपूर्ण योगदान है, जो करीब 12% बताया गया है।

दिल्ली के अलावा हरियाणा में भी स्थिति काफी खराब है, जहां कई शहरों का AQI 400 के पास पहुँच गया है, जो “खतरनाक” श्रेणी में आता है। इस स्थिति को देखते हुए हरियाणा सरकार ने तात्कालिक कदम उठाते हुए सभी सरकारी स्कूलों में कक्षा 5 तक के बच्चों के लिए ऑनलाइन कक्षाएं आयोजित करने का निर्णय लिया है। इसका उद्देश्य बच्चों को प्रदूषण के प्रभाव से बचाना है, क्योंकि इन क्षेत्रों में हवा में जहरीली गैसों का स्तर काफी बढ़ गया है। स्कूलों में बच्चों को बाहर खेलने या शारीरिक गतिविधियों से भी दूर रहने की सलाह दी जा रही है।

दिल्ली के प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए दिल्ली सरकार ने भी कई कदम उठाए हैं, जैसे कि निर्माण कार्यों पर प्रतिबंध, कंस्ट्रक्शन डस्ट पर नियंत्रण, और वाहनों के प्रदूषण के खिलाफ सख्त कार्रवाई। हालांकि, इन उपायों का असर धीरे-धीरे दिखाई दे रहा है, और समस्या का स्थायी समाधान मुश्किल प्रतीत हो रहा है।

वहीं, जम्मू और कश्मीर में भी मौसम के कारण समस्याएं पैदा हो गई हैं। कश्मीर में भारी बर्फबारी की वजह से किश्तवाड़ और सिंथन टॉप रोड को बंद कर दिया गया है। यह सड़क अनंतनाग को किश्तवाड़ से जोड़ने वाली प्रमुख मार्ग है, जो राष्ट्रीय राजमार्ग NH-244 का हिस्सा है। भारी बर्फबारी और फिसलन के कारण सड़क यात्रा के लिए खतरनाक हो गई है, और अधिकारियों ने सड़क पर बर्फ हटाने का काम शुरू कर दिया है। अधिकारियों का कहना है कि जब तक बर्फ हटाने का काम पूरा नहीं हो जाता और रास्ता सुरक्षित नहीं हो जाता, तब तक यातायात बंद रहेगा। मौसम में सुधार होने के बाद ही इस मार्ग पर यातायात को बहाल किया जाएगा।

इस समय कश्मीर में बर्फबारी के कारण पर्यटन पर भी असर पड़ा है, क्योंकि पर्यटकों की संख्या में कमी आई है और कई यात्री अपने यात्रा कार्यक्रम में बदलाव कर रहे हैं। बर्फबारी के कारण क्षेत्र में बिजली और पानी की आपूर्ति पर भी असर पड़ा है, हालांकि, संबंधित विभाग इसे जल्दी ठीक करने की कोशिश में हैं।

कुल मिलाकर, दिल्ली में प्रदूषण और कश्मीर में बर्फबारी दोनों ही क्षेत्रीय संकट बने हुए हैं, और इन समस्याओं के समाधान के लिए स्थानीय सरकारें सक्रिय कदम उठा रही हैं। दिल्ली में प्रदूषण की समस्या लंबे समय से बनी हुई है और यह एक जटिल चुनौती बनी हुई है, जबकि कश्मीर में मौसम का प्रतिकूल असर सड़क यातायात और जीवन की सामान्य गति पर पड़ा है।

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