Pushpa 2 Movie Review: फायर नहीं ‘वाइल्डफायर’ है पुष्पा 2 ! पढ़ें फिल्म रिव्यू

Pushpa 2 Movie Review: फायर नहीं 'वाइल्डफायर' है पुष्पा 2 ! पढ़ें फिल्म रिव्यू

Pushpa 2 Movie Review: अल्लू अर्जुन और रश्मिका मंदाना की बहुचर्चित फिल्म ‘पुष्पा 2’ गुरूवार 5 दिसंबर, यानि आज सिनेमाघरों में रिलीज़ कर दी गयी है। यह फिल्म 2024 की सबसे प्रतीक्षित फिल्मों में से एक है. फिल्म देखने के बाद समझ नहीं पा रहा था की फिल्म के बारे में क्या – क्या लिखूं क्यूंकि फिल्म के हर दृश्य कमाल हैं और जबरदस्त भी। फिल्म का पहला पार्ट फायर था और दूसरा पार्ट ‘वाइल्डफायर’ है।फिल्म आने वाले दिनों में ताबड़तोड़ कमाई करने वाली है, लेकिन इन सबसे से हमें क्या ? हमें तो फिल्म से मतलब है। यही प्रश्न होगा आपका लाज़मी है, चलिए आपके मतलब की बात करते हैं यानि फिल्म के बारे में बात करते हैं।

पुष्पा’ में अल्लू अर्जुन और रश्मिका मंदाना के बीच की शानदार कैमिस्ट्री के अलावा, अल्लू अर्जुन और निर्देशक सुकुमार के बीच की ख़ास तालमेल भी देखने लायक है। भले ही हम इसे फिल्म में सीधे न देख सकें, लेकिन इसे महसूस किया जा सकता है। इस फिल्म के हर फ्रेम में एक अनोखा दृष्टिकोण दिखाई देता है, जो ‘पुष्पा 2’ के हर दृश्य को विशेष बनाता है। एक दृश्य का उदाहरण लेते हैं, जिसमें पुष्पा के 200 से अधिक साथी शेखावत द्वारा पकड़े जाते हैं। उम्मीद थी कि ‘सिंघम अगेन’ की तरह, पुष्पा भी अपने दोस्तों को बचाएंगे, लेकिन जो वह करता है, वह बिल्कुल अप्रत्याशित है। इस अद्भुत कैमिस्ट्री का श्रेय अल्लू अर्जुन को भी दिया जाना चाहिए, जो निर्देशक और अभिनेता के बीच का संचार स्थापित करते हैं।

क्या है कहानी

पुष्पराज (अल्लू अर्जुन) की कहानी रक्त चंदन की तस्करी के माध्यम से आगे बढ़ती है। अब पुष्पा एक साधारण श्रमिक नहीं रहा, बल्कि एक प्रभावशाली व्यक्ति बन चुका है। फिर भी, श्रीवल्ली (रश्मिका मंदाना) उसे अपनी राह पर लाने में सक्षम हैं। पुष्पा का इशारा अब राज्य के मुख्यमंत्री को भी प्रभावित करता है, लेकिन एसपी भंवर सिंह शेखावत (फहाद फासिल) का दबदबा अब भी उनके सामने रोक बना हुआ है। क्या इन दोनों के बीच की टकराव समाप्त होगा? पुष्पा के परिवार का क्या होगा, जिसने उसे उसका नाम छीन लिया था? इन सवालों के जवाब जानने के लिए आपको यह फिल्म देखनी होगी।

अभिनय

अल्लू अर्जुन का प्रदर्शन शानदार है; वह यह यकीन दिला देते हैं कि पुष्पा के चरित्र में जान है और उनका स्वैग हर फ्रेम में छा जाता है। उनकी मेहनत ने फलीभूत किया है और वे फिल्म इंडस्ट्री में एक नई मिसाल कायम कर चुके हैं। रश्मिका मंदाना का काम भी सराहनीय है, जिसने अपनी अदाकारी से दर्शकों पर असर छोड़ा है। फहाद फासिल ने भी अपने किरदार में जान डाल दी है, और एक मजबूत खलनायक के रूप में उनकी भूमिका अहम् रही है। अन्य सह-कलाकारों जैसे जगदीश प्रताप भंडारी, जगपत बाबू और सौरभ सचदेवा ने भी बेहतरीन योगदान दिया है।

निर्देशन

सुकुमार की लेखन और निर्देशन की क्षमता अद्वितीय है, उन्होंने एक आकर्षक कथा पर ध्यान केंद्रित किया और दर्शकों का मनोरंजन करने में सफल रहे। उन्होंने एक के बाद एक प्रभावशाली दृश्य प्रस्तुत किए, जिससे दर्शक लगातार उत्सुक रहते हैं।

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हमारा सुझाव

फिल्म देखने के बाद हमारा सुझाव यही है की की अगर आप भी स्वैग और कुछ अलग किस्म की फिल्म देखना पसंद करते हैं तो ‘पुष्पा 2: द रूल’ जरुर देखें । अल्लू अर्जुन का अभिनय आपको बहुत पसंद आने वाला है और फिल्म देखने के बाद आप भी अपनी कुर्सी से खड़े होकर फिल्म को सलाम करने वाले है ।

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