राष्ट्रहित सर्वोपरि की भावना का हो विस्तार : राहुल जी सोलापुरकर

Rahul ji

महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय, वर्धा के तुलसी भवन स्थित ग़ालिब सभागार में दिनांक 16 नवंबर को ‘विकसित महाराष्ट्र : समर्थ भारत’ विषय पर व्याख्यान का आयोजन हुआ।इस कार्यक्रम की अध्यक्षता विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. कृष्ण कुमार सिंह ने की एवं सुप्रसिद्ध अभिनेता और निर्देशक राहुल जी सोलापुरकर ने विशिष्ट वक्ता के रूप में कार्यक्रम को संबोधित किया।

कार्यक्रम का औपचारिक स्वागत वक्तव्य देते हुए विश्वविद्यालय में विकसित भारत @2047 कार्यक्रम के सह-संयोजक एवं जनसंचार विभाग में सह- आचार्य राजेश लेहकपुरे जी ने राहुल जी सोलापुरकर को अष्टपैलू व्यक्तित्व का धनी बताया और उनके द्वारा सामाजिक एवं अकादमिक क्षेत्रों में किए गए कार्य की चर्चा की। साथ ही साथ उन्होंने राहुल जी सोलापुरकर के रंगमंच से सिनेमा तक की यात्रा को रेखांकित करते हुए उनके द्वारा निभाए गए अविस्करणीय किरदारों की प्रशंसा की।

अपने विशिष्ट वक्तव्य में राहुल जी सोलापुरकर ने विभिन्न प्रसंगों का उल्लेख करते हुए विकसित भारत की संकल्पना को साकार करने वाले पहलुओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने अपने वक्तव्य में तकनीकी क्षेत्र में भारत के उत्थान का जिक्र करते हुए बताया कि शुरुआती दिनों में हमने 16 सैटेलाइट लॉन्चपैड बाहर के देशों से बनवाया, वहीं आज हमारा देश एक ऐसी मजबूत स्थिति में है जहां हम 90 से अधिक देशों के लिए सैटेलाइट लॉन्चपैड का निर्माण कर रहे हैं।

अपने वक्तव्य में राहुल जी सोलापुरकर ने अटल जी और मोदी जी के कार्यपद्धति के बीच के अंतर को उल्लेखित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी के कार्यशीलता की अप्रत्याशित सराहना भी की।उन्होंने आज के समय में मीडिया के हो रहे व्यवसायीकरण की भी बात कही।उन्होंने वर्तमान सरकार के द्वारा सड़क एवं परिवहन के क्षेत्रों में किए गए कार्यों की प्रशंसा की और हाल ही में मराठी भाषा को मिले अभीजात्य भाषा के दर्जें को उन्होंने मराठी अस्मिता के लिए बेहद आवश्यक बताया। उन्होंने वक्तव्य के अंत में राष्ट्रहित सर्वोपरि की बात करते हुए भारत की महान परंपरा को उल्लेख किया और साथ ही साथ ‘वसुदेव कुटुंबकम’ की भी बात कहीं।

कार्यक्रम का अध्यक्षीय वक्तव्य देते हुए विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. कृष्ण कुमार सिंह ने राहुल जी सोलापुरकर को राष्ट्र से जुड़ा एक संवेदनशील मन बताया एवं उनके वक्तव्य में कश्मीर से महाराष्ट्र को एक सूत्र में बांधने वाली एकसूत्रता की प्रशंसा की।कार्यक्रम का धन्यवाद ज्ञापन विश्वविद्यालय के जनसंपर्क अधिकारी बी.एस मिरगे जी ने किया, वहीं कार्यक्रम का कुशल संचालन अनुवाद एवं निर्वाचन विद्यापीठ की सहायक प्रोफेसर मीरा निचले ने किया।

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