Sambhal: संभल हिंसा के पीछे कारण क्या? कर्फ्यू जैसे हालात क्यों?

Sambhal: संभल हिंसा के पीछे कारण क्या? कर्फ्यू जैसे हालात क्यों?

हिंसा के कारण क्या?

हिंसा की शुरुआत तब हुई जब कोर्ट कमिश्नर के नेतृत्व में एक टीम जामा मस्जिद का सर्वे करने के लिए पहुंची। इस टीम का उद्देश्य मस्जिद और उसके आसपास के इलाके का निरीक्षण करना था, लेकिन जैसे ही टीम मस्जिद पहुंची, एक बड़ी भीड़ इकट्ठा हो गई और मस्जिद में प्रवेश करने की कोशिश करने लगी। पुलिस ने इसका विरोध किया, जिसके बाद भीड़ ने पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया। पथराव और हिंसा के दौरान सीओ अनुज चौधरी की गाड़ी को नुकसान पहुंचाया गया, और कई अन्य वाहनों में तोड़फोड़ की गई और आग लगा दी गई। इसी दौरान, भीड़ ने फायरिंग भी शुरू कर दी, जिसके बाद पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे और लाठीचार्ज किया, लेकिन स्थिति बेकाबू हो गई। हिंसा में पांच लोगों की मौत हो गई और कई पुलिसकर्मी घायल हो गए।

कर्फ्यू जैसे हालात

हिंसा के बाद से संभल शहर में तनाव का माहौल बना हुआ है। पूरी शहर में सन्नाटा पसरा हुआ है। व्यापारिक गतिविधियां ठप हो चुकी हैं, और बाजार तथा दुकानें पूरी तरह से बंद हैं। हिंसा प्रभावित इलाकों में ज्यादातर घरों के बाहर ताले लगे हुए हैं, और गली-मोहल्लों में सिर्फ पुलिसकर्मी ही दिखाई दे रहे हैं। पूरे शहर में सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए हैं, और पुलिस ने हर प्रमुख चौराहे पर बैरिकेडिंग की है। इसके अलावा, शहर में पुलिस बल और पीएसी की अतिरिक्त तैनाती की गई है।

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शहर में सुरक्षा स्थिति को देखते हुए इंटरनेट सेवाओं को 24 घंटे के लिए बंद कर दिया गया है, और यह पाबंदी बढ़ाई जा सकती है। इंटरनेट पर पाबंदी और कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के कारण लोग घरों में ही रह रहे हैं। शैक्षिक संस्थानों को भी बंद कर दिया गया है, और प्रशासन ने स्कूलों की छुट्टी घोषित कर दी है। यदि स्थिति और बिगड़ती है तो स्कूलों की छुट्टी बढ़ाई जा सकती है।

गिरफ्तारी और कार्रवाई

इस हिंसा के बाद पुलिस ने 21 लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। इसके अलावा, 400 से अधिक अज्ञात और नामजद लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का ऐलान किया है, और आरोपियों के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट और राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत कार्रवाई की जाएगी। डीआईजी मुनिराज जी ने नागरिकों से शांति बनाए रखने और अफवाहों से दूर रहने की अपील की है।

बाहरी लोगों के प्रवेश पर रोक

स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए प्रशासन ने एक और कदम उठाया है। संभल जिले में एक दिसंबर तक बाहरी लोगों के प्रवेश पर पाबंदी लगा दी गई है। डीएम राजेंद्र पैंसिया ने यह आदेश जारी किया है और कहा है कि कोई भी बाहरी व्यक्ति इस अवधि के दौरान जिले में प्रवेश नहीं करेगा। यह कदम इलाके में सुरक्षा की स्थिति को और बेहतर बनाने के लिए उठाया गया है।

हिंसा का कारण और विवाद

संभल में यह हिंसा जामा मस्जिद के विवादित सर्वे के कारण भड़की। हिंदू पक्ष ने मस्जिद को हरिहर मंदिर बताते हुए कोर्ट में दावा पेश किया था। उनका कहना था कि यह मंदिर मुगलों द्वारा तोड़ा गया था और इसके स्थान पर मस्जिद का निर्माण हुआ था। दूसरी ओर, मुस्लिम पक्ष का कहना है कि यह मस्जिद पहले से ही एक टीले पर बनी थी और इसे किसी मंदिर को तोड़कर नहीं बनाया गया था। इस विवाद को लेकर अदालत में मामला चल रहा है, और कोर्ट ने एक रिपोर्ट तैयार करने के लिए एक कोर्ट कमिश्नर नियुक्त किया था, जो मस्जिद का सर्वे कर रहे थे। इस विवाद की अगली सुनवाई 29 नवंबर को होगी।

प्रशासन की सख्ती

हिंसा के बाद प्रशासन ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए कड़ी कार्रवाई की है। पुलिस बल और पीएसी के साथ अधिकारियों ने बवाल मचाने वाली भीड़ से मोर्चा लिया। पूरे शहर की नाकेबंदी कर दी गई और सुरक्षा को लेकर किसी भी प्रकार की ढील नहीं बरती जा रही है। पुलिस और प्रशासन के अधिकारी स्थिति पर लगातार निगरानी रखे हुए हैं, और किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए हर संभव प्रयास किया जा रहा है.

संभल में हिंसा ने न केवल शहर के सुरक्षा व्यवस्था को चुनौती दी, बल्कि पूरे इलाके के सामाजिक और धार्मिक तनाव को भी उकसाया है। प्रशासन अब स्थिति को शांतिपूर्ण बनाने के लिए कठोर कदम उठा रहा है, और लोगों से संयम बनाए रखने की अपील की जा रही है।

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