MGAHV: हिंदी विश्वविद्यालय में डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर महापरिनिर्वाण दिवस पर विशेष व्याख्यान का आयोजन।

MGAHV: हिंदी विश्वविद्यालय में डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर महापरिनिर्वाण दिवस पर विशेष व्याख्यान का आयोजन।

MGAHV: हिंदी विश्वविद्यालय में डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर महापरिनिर्वाण दिवस पर विशेष व्याख्यान का आयोजन।

Read More
वर्धा तुम एक एहसास नहीं हम युवाओं की चलती सांस हो।

Wardha: वर्धा तुम एक एहसास नहीं हम युवाओं की चलती सांस हो : अभिषेक कुमार पाठक

शाम- ए वर्धा तेरे दिवाने भी बेशुमार हैं,तू तपती धरती तो है ,परंतु सफल संजीवनी का हर एक मुकाम है।वो दिसम्बर का माह, जब रखा यहां कदमसुहाना मौसम हरियाली चारों ओरकोई नहीं अपना पर देख रखा था सपनाकि कैसे तुम्हें पाऊं और सफल कहलाऊंताकि तुम नही ये सब कहे मै हू ना तेरा अपना। ”कहते…

Read More
Hindi v/s English: सम्मानित भाषा की लड़ाई और देश का युवा - अमल कुमार मिश्रा

Hindi v/s English: सम्मानित भाषा की लड़ाई और देश का युवा – अमल कुमार मिश्रा

Hindi v/s English: हम सभी एक ऐसे देश में रहते हैं जिसे हिन्दी, हिंदू, हिंदुस्तान जैसे उद्धरणों से भी परिभाषित करने का प्रयास किया जाता है। पर क्या आपको यह लगता है कि इसमें कोई खास अहमियत व्यक्ति स्वयं को देता है? ये सभी केवल अब कहने में अच्छा लगता है, जबकि वास्तविकता इससे कहीं…

Read More
अगर कल आ गया तो?

अगर कल आ गया तो? : वेदिका मिश्रा

कल किसने देखा है? हज़ारों लोगों का भविष्य बर्बाद करने के पीछे केवल इस एक वाक्य का हाथ है। हम आज के क्षणिक सुखों के खातिर अपने भविष्य की ज़रूरतों को मानो अनदेखा कर देते हैं।छोटे बच्चों या युवा पीढ़ी के लिए तो मानो यह वाक्य उस अंदरूनी चोट की तरह है जो लगते वक्त…

Read More
Rahul ji

राष्ट्रहित सर्वोपरि की भावना का हो विस्तार : राहुल जी सोलापुरकर

महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय, वर्धा के तुलसी भवन स्थित ग़ालिब सभागार में दिनांक 16 नवंबर को ‘विकसित महाराष्ट्र : समर्थ भारत’ विषय पर व्याख्यान का आयोजन हुआ।इस कार्यक्रम की अध्यक्षता विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. कृष्ण कुमार सिंह ने की एवं सुप्रसिद्ध अभिनेता और निर्देशक राहुल जी सोलापुरकर ने विशिष्ट वक्ता के रूप में कार्यक्रम…

Read More

नई पीढ़ी को हिंदी से जोड़ने की संकल्पना

भाषा न केवल संचार का एक माध्यम है अपितु यह सामाजिक एवं सांस्कृतिक रूप से भी बेहद महत्त्वपूर्ण है। भाषा विचारों, मान्यताओं और रीति-रिवाजों को एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक पहुंचाने का भी कार्य करती है। भाषा साहित्य, संगीत एवं अन्य कलात्मक विधाओं की अभिव्यक्ति का भी मूल आधार है। किसी भी सभ्यता एवं…

Read More