Travel to Education: शिक्षा से सफर तक, घुमक्कड़ीपन के फायदे- अनामिका

Travel to Education: शिक्षा से सफर तक, घुमक्कड़ीपन के फायदे- अनामिका

Travel to Education: शिक्षा के साथ-साथ सफर करते रहने की आदत जीवन को बहुत रोमांचक बना देती है। जैसे एक जगह से दूसरे जगह जाने में किताबें बढ़ते हुए सफर का जो आनंद मिलता है, वो वही समझ सकता है जो सच में किताब पढ़ते हुए सफर का आनंद ले पता है। और ये भी सही है कि किताबें पढ़ने से शिक्षा तो मिलती है लेकिन उस ज्ञान का असली आनंद तब मिलता है जब आप अपनी कल्पनाओं की दुनिया से निकल कर असली दुनिया को उससे जोड़ते हुए देखते है।

मुझे ऐसा लगता है कि हर विद्यार्थी को पढ़ाई के साथ- साथ कभी- कभी कही न कही तो घूमने निकल ही जाना चाहिए, घूमने से न केवल आप एक जगह से दूसरी जगह जाते हो बल्कि उसके साथ आप अपने दिमाग को थोड़ा सुकून भी देते हो, आप अलग- अलग लोगों से मिलते हैं, अलग- अलग रीति – रिवाजों को जानते हैं, हर परिस्थिति में रहना सिख जाते है, और ठीक वैसे ही जरूरी है शिक्षा प्राप्त करना भी किताबें पढ़ना भी,  ये दोनों मिलकर एक यक्ति को समृद्ध बनाते है। 

शिक्षा हमे ज्ञान, अच्छी सोच और हमे जीवन में सफल बना सकती है, लेकिन यात्रा हमे दुनिया को देखने, इसके हर रूप को समझने, और नए-नए अनुभव प्रदान करती है, इसलिए शिक्षा के साथ सफर करते रहना चाहिए।

जैसे सफर में किताबें पढ़ते जाना और उस सफर पर किताब लिखना में थोड़ा अंतर तो है लेकिन दोनों  सुखद है। इसलिए शिक्षा के साथ साथ सफर का भी मजा लेना जरूरी हो जाता है।

जब पढ़ते-पढ़ते थक जाए तो यात्रा पर निकल जाना चाहिए, और जब यात्रा से थक कर आए तो अपने अनुभव लिखना चाहिए, क्या पता आपका अनुभव किसी और को यात्रा पे ले जाए और फिर उसका अनुभव किसी और को!

~ अनामिका

(लेखिका महात्मा गाँधी अंतर्राष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा से जनसंचार में परास्नातक की पढ़ाई कर रहीं हैं)

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